जहाँ देश कल अपनी 72वी गणतंत्र दिवस का उत्सव मना रहा था वही किसान दिल्ली में हिंसा फैला रहे थे। जगह जगह तोड़ फोड़ और पुलिसों पर जानलेवा हमला हुआ यही नही किसानों ने कल वो किया जिसकी किसी ने कल्पना भी नही की थी। लाल किले पर तिरंगे की जगह अपना झंडा फहराने की नापाक हरकतों से किसानों ने यह जाहिर कर दिया कि वो देश के लिए क्या सोच रखते है। कल जो हुआ उसे काला दिन न कहा जाये तो क्या कहा जाए। देश भगत सिंह पर नाज करता है। जिस तरीके से भगत सिंह ने अपनी आहुति दी थी उसे देश कभी भूल नही सकता पर क्या कल जो तस्वीर देखने को मिली उसे देखने के बाद उसे भी कोई भूल सकता है। कतई नहीं भूल सकता है।
किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का एक वीडियो सामने आया है, जिसने कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं। टिकैत का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है। वायरल वीडियो में किसान नेता लोगों से लाठी-डंडा साथ लेकर आने की अपील करते नजर आ रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में राकेश टिकैत कहते नजर आ रहे हैं कि सरकार मान नहीं रही, ज्यादा कैड़ी पड़ रही है सरकार। अपना ले आइओ झंडा, झंडा भी लगाना, लाठी-डंडे भी साथ रखिओ अपने, समझ जाइओ सारी बात। तिरंगा भी लगाना, अपना झंडा भी लगाना।
अब सब आ जाओ अपनी जमीन नहीं बच रही। आ जाओ अपनी जमीन बचाने के लिए वरना जमीन नहीं बचनी। जमीन छीन ली जाएगी।
टिकैत बोले- लाठी कोई हथियार थोड़े ही है
हालांकि अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि यह वीडियो कब का है। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राकेश टिकैत बुधवार को मीडिया के सामने आए। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह वीडियो उनका ही है। उन्होंने कहा कि लाठी कोई हथियार थोड़े ही है। राकेश टिकैत ने कहा, मैं स्वीकार करता हूं कि मैंने कहा था कि लाठी लेकर आना, जरा बताइए कि बिना लाठी डंडे के झंडे कहां और कैसे लगाए जाते हैं।
हिंसा में शामिल लोगों पर होगी कार्रवाई :टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जिसने झंडा फहराया वो कौन आदमी था? एक कौम को बदनाम करने की साजिश पिछले दो महीने से चल रही है। कुछ लोग को चिन्हित किया गया है उन्हें आज ही यहां से जाना होगा। जो आदमी हिंसा में पाया जाएगा, उसे स्थान छोड़ना पड़ेगा और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। इससे पहले, राकेश टिकैत ने कहा कि मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के पीछे कुछ असामाजिक तत्व थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के कारण कुछ असामाजिक तत्व ट्रैक्टर रैली में शामिल हो गए, जिनके कारण हिंसा की घटनाएं हुईं।
टिकैत ने दिल्ली पुलिस पर लगाया यह आरोप
टिकैत ने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने परेड के पहले से तय मार्गों के कुछ स्थानों पर गलत तरीके से बैरिकेड लगा दिए थे। यह जानबूझकर किसानों को बरगलाने के लिए किया गया था, इस वजह से ट्रैक्टरों पर किसान भटक गए। उन्होंने दावा किया कि इससे असामाजिक तत्वों को ट्रैक्टर परेड में प्रवेश करने का मौका मिला गया। उन्होंने कहा कि भारतीय किसान यूनियन शांतिपूर्ण प्रदर्शन में विश्वास करता है और हिंसा के पीछे उपद्रवियों की पहचान करेगा।
बता दें कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर आंदोलनकारी किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इस दौरान लाल किला समेत कई जगहों पर जमकर हिंसा और उपद्रव हुआ। हालत बिगड़ते देख दिल्ली पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर अधिकारियों के साथ आपात बैठक भी बुलाई थी। वहीं हरियाणा के कई जिलों समेत दिल्ली-एनसीआर के अधिकांश हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। 14 से अधिक मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए थे।
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