Wednesday, July 22, 2020
अमेरिकी सरकार का कोरोना वैक्सीन पर बड़ा कदम, फाइजर से किया 10 करोड़ का सौदा
वाशिंगटन, कोरोना वैक्सीन पर अभी की एक बड़ी खबर आ रही है। अमेरिका ने कोरोना की वैक्सीन तैयार कर रही दवा कंपनी फाइजर के साथ एक सौदा किया है।दिसंबर में इसकी 10 करोड़ खुराक सप्लाई करने के लिए करीब दो अरब डॉलर यानी तकरीबन 15 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया है। इसकी बात की घोषणा स्वास्थ्य एवं मानव सेवा मंत्री एलेक्स अजर ने बुधवार को की। अजर ने कहा कि इस सौदे के तहत अमेरिका कंपनी से अतिरिक्त 50 करोड़ खुराक खरीद सकता है।
अमेरिका ने कई कंपनियों के साथ किए करार
अमेरिका ने दूसरी कई और भी कंपनियों के साथ भी इस तरह के करार किए हैं। ट्रंप प्रशासन ने जल्द से जल्द कोरोना वैक्सीन विकसित करने के लिए अभियान चलाया है। इसके तहत कई कंपनियों में वैक्सीन विकसित करने पर काम किया जा रहा है। फाइजर इंक और बायोएनटेक एसई ने भी एलान किया कि उनके द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की जा रही वैक्सीन के लिए स्वास्थ्य और रक्षा मंत्रालय के साथ समझौता किया गया है। आपको बता दे कि अमेरिकी सरकार का लक्ष्य अगले साल जनवरी तक कम से कम 30 करोड़ वैक्सीन हासिल करने की है।
ब्रिटेन ने नौ करोड़ खुराक के लिए बायोएनटेक, फाइजर और वलनेवा के साथ किया करार
पिछले दिनों ब्रिटेन ने भी कोरोना वायरस के संभावित वैक्सीन की नौ करोड़ खुराक खरीदने के लिए तीन कंपनियों के साथ करार किया है। ब्रिटेन के वाणिज्य मंत्री आलोक शर्मा ने कहा कि सरकार ने बायोएनटेक, फाइजर और वलनेवा नामक कंपनियों द्वारा कोरोना वायरस के इलाज के लिए परीक्षण के दौर से गुजर रही वैक्सीन की नौ करोड़ खुराक खरीदने के संबंध में समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
शर्मा ने कहा कि वैक्सीन की खोज अंतरराष्ट्रीय लक्ष्य है और सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है कि ब्रिटेन के लोगों को जल्द से जल्द सुरक्षित और असरदार वैक्सीन दी जा सके। दुनिया की सबसे अच्छी दवा और वैक्सीन कंपनियों के साथ साझेदारी करके सरकार के पास ऐसी वैक्सीन हासिल करने के ज्यादा मौके हैं जो सबसे ज्यादा खतरे का सामना कर रहे लोगों को बचा सके।
इस साल के आखिर तक आएगी ऑक्सफोर्ड- एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन
उधर, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित किया जा रही कोरोना वायरस की वैक्सीन साल के अंत तक दुनिया भर में उपलब्ध होने की उम्मीद है। फर्म के डायरेक्टर जनरल पेस्कल सोरियट का कहना है कि लोगों को यह वैक्सीन 'लागत मूल्य पर' उपलब्ध कराई जाएगी। हमारा मकसद है कि हम इस वैक्सीन को सभी तक और समान रूप से पहुंचाएं। लाभ कमाना हमारा उद्देश्य नहीं है, इसलिए लागत मूल्य पर वैक्सीन मिलेगी।
इस वैक्सीन को बनाने की कीमत प्रति यूनिट लगभग 2.5 यूरोज हैं, यानी 2.8 डॉलर और भारतीय करेंसी में 209.56 रुपए। सरकार के जरिए ये वैक्सीन करीब एक हजार रुपये में उपलब्ध कराई जाएगी। इस वैक्सीन के तीसरे ट्रायल के नतीजे सितंबर-अक्टूबर के आसपास आएंगे। सोरियट का कहना है कि हमें उम्मीद है कि साल के अंत तक हम वैक्सीन का उत्पादन करने में सक्षम होंगे..अगर सब ठीक रहा तो उससे थोड़ा पहले।
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