हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार दिवाली सिर्फ एक दिन नहीं करीब पांच दिन का त्योहार होता है. धन तेरस से शुरू होकर भाई दूज पर खत्म होने वाला यह त्योहरा अपने साथ ढेर सारी सुख समृद्धि लेकर आता है. इन पांच दिनों में अलग-अलग देवी देवताओं की पूजा की जाती है. तो आइए जानते हैं कि इन पांच दिनो में किस दिन कौनसा त्योहार मनाया जाएगा...(Image: PTI)
धनतेरस: धनतेरस संस्कृत भाषा के दो शब्द 'धन' (धन) और 'तेरस' (अश्विन महीने में कृष्णा पक्ष का 13वां दिन) से मिलकर बना है. इस दिन धन की देवी-लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती है. हिंदू इस दिन सोने के गहने और चांदी के बर्तन खरीदते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने पर गुडलक वाला यह दिन सालभर समृद्धि को आकर्षित करता है. इस बार धनतेरस 5 नवंबर 2018 को मनाया जाएगा. (Image: PTI)
छोटी दिवाली: धनतेरस के अगले दिन छोटी दीवाली मनाई जाती है. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है. छोटी दिवाली इस बार 6 नवंबर के दिन मनाई जाएगी. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण की पत्नी (सत्यभामा) ने दानव राजा नरकसुर की हत्या कर दी थी. (Image:PTI)
लक्ष्मी पूजा: हालांकि दिवाली अमावस्या (चंद्रमा नहीं) पर पड़ती है, लेकिन इसे सबसे शुभ रात्रि माना जाता है क्योंकि इस दिन भगवान राम वनवास काटकर वापस लौटे थे. पांच दिन लगातार चलने वाले त्योहारों में दिवाली का त्योहार सबसे बड़ा और अहम होता है. इसी दिन शांति, समृद्धि और धन के लिए लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है. लक्ष्मी पूजन के दौरान, पांच भगवानों की पूजा एक साथ की जाती है - गणेश (एक शुभ समारोह की शुरुआत के लिए) महालक्ष्मी (धन की देवी), महासरस्वती (विद्या की देवी), और महाकाली (समय और मृत्यु की देवी), और कुबेर (देवताओं का खजाना). (Image:PTI)
गोवर्धन पूजा और गुड़ी पड़वा: ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने देवराज इंद्र के गुस्से से गोकुल को बचाने के लिए गोवर्धन पहाड़ को एक उंगली पर उठा लिया था, इसलिए दिवाली के ठीक अगले दिन गोवर्धन की पूजा होती है. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण के लिए छप्पन (56) भोग बनाए जाते हैं जिसे अन्नकुट पूजा भी कहते हैं. कुछ स्थानों पर इस दिन को गुड़ी पड़वा के रूप में भी मनाया जाता है. रीति-रिवाजों के मुताबिक, नवविवाहित लड़कियों को अपने पति के साथ अपने मायके में त्यौहार देने और उत्सव मनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है. इस साल गोवर्धन पूजा 8 नवंबर के दिन की जाएगी. (Image:PTI)
भाई दूज: भाई दूज का त्योहार बहन और भाई के प्यार का प्रतीक है. पांच दिनों तक चलने वाले त्योहारों में सबसे आखिर में भाई दूज मनाया जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन मृत्यु के देवता यमराज लंबे समय के बाद अपनी बहन यामी से मिलने गए थे. यामी ने यमराज के माथे पर तिलक लगाकर उत्साह के साथ उनका स्वागत किया था. यमराज अपनी बहन के प्यार और स्वागत से इतने उत्साहित हो गए कि उन्होंने कहा कि यदि हर साल सभी बहने इस दिन अपने भाई को तिलक लगाएंगी तो उनके भाई को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकेगा. वह यमराज से भी सुरक्षित रहेगा. इस बार भाई दूज 9 नवंबर को मनाया जाएगा. (Image:PTI)
Input: News18 India
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