20 नवम्बर 2018, 16:40 pm IST
न्यूज़ डेस्क, बेगूसराय
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आखिरकार आर्म्स एक्ट में फरार चल रही बिहार सरकार में पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने तीन सहयोगियों के साथ मंझौल कोर्ट में सरेंडर किया। पुलिस लगातार मंजू वर्मा की गिरफ़्तारी के लिए छापेमारी कर रही थी। लेकिन पुलिस की नाकामी इस बात से साफ़ जाहिर होती है कि महज 5 किलोमीटर की दुरी पर नौलाखां गाँव में अपने पति की बुआ के घर पर छिपी थी, पर पुलिस खोज नहीं सकी।
मंजू वर्मा ने एसीजेएम प्रभात त्रिवेदी के न्यायालय में आत्मसमर्पण किया है। जानकारी के मुताबिक मंजू वर्मा इजलास में जैसे ही खड़ी हुईं, बेहोश हो गईं। सूत्रों के अनुसार, मंजू वर्मा मंझौल अनुमंडल के महेशवाडा पंचायत के नौलखा गांव में अपने पति चंद्रशेखर वर्मा की बुआ के घर में छिपी थीं ।
एक दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजी गईं मंजू वर्मा
पुलिस एडीजी एसके सिंघल ने कहा कि पुलिस की दबिश की वजह से मंजू वर्मा ने सरेंडर किया है। पुलिस जो कहे लेकिन पुलिस की नाकामी साफ दिख रही है। मंजू वर्मा ने पुलिस की आंखों में धूल झोंककर आज अपनी मर्जी से सरेंडर किया है। पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी थी। मंजू वर्मा को एक दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
शॉल से मुंह ढंककर पहुंची कोर्ट
जानकारी के मुताबिक आज सुबह ही मंजू वर्मा एक वाहन से तीन लोगों के साथ चुपचाप न्यायालय में पहुंची और आत्मसमर्पण किया। मंजू वर्मा सलवार-कुर्ता पहनीं हुई थीं और चेहरे को शॉल से ढंक रखा था। जैसे ही वो इजलास में पहुंची, बेहोश हो गईं। लेकिन, जबतक कोई कुछ कर पाता वो थोड़ी देर में उठकर खड़ी हो गईं।
कोर्ट पहुंचते ही हो गईं बेहोश
मंजू वर्मा को कोर्ट रूम में ही बैठाकर रखा गया है। कोर्ट में डॉक्टर को भी बुलाया गया है जो उनका चेकअप करेंगे। डॉक्टर के इंतजार में न्यायिक प्रक्रिया रुकी हुई है। पुलिस कोर्ट पहुंच गई है और हो सकता है कि न्यायिक प्रक्रिया के बाद उन्हें हिरासत में लेगी। उसके बाद रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
मंझौल रेफरल अस्तपाल में चार डॉक्टर कार्यरत हैं। लेकिन, एक भी डॉक्टर उपस्थित नहीं थे। एेसे में एएनएम कोर्ट पहुंची हैं और मंजू वर्मा की चेकअप कर रही हैं। स्वास्थ्य जांच के बाद सब दुरुस्त पाया गया और मंजू वर्मा पुलिस बल के साथ बेगूसराय जेल भेजी गईं। कोर्ट रूम से बाहर निकलते वक्त मंजू वर्मा के समर्थकों के साथ पुलिस की धक्का-मुक्की हुई।
कुर्की-जब्ती के बाद होने वाला था खाता सीज, किया सरेंडर
बताया जा रहा है कि कुर्की के बाद मंजू के खाता सीज होने वाला था। इसके कारण मंजू पर और दवाब बढ़ गया था। जिसके कारण मंजू ने सरेंडर करना ही बेहतर समझा। मंजू के फरार होने के कारण विपक्ष के बढ़ते दबाव के बाद जदयू ने भी पार्टी से उन्हें निलंबित कर दिया था।
17 नवंबर को मंजू के घर की हुई थी कुर्की-जब्ती
17 नवंबर को मंजू वर्मा की पैतृक घर की कुर्की जब्ती की कार्रवाई बेगूसराय पुलिस ने शुरू की थी। मंजू के घर का एक-एक सामान को निकालकर ले गई। कोई हंगामा ना हो इसको लेकर भारी संख्या में सुरक्षा बलों को भी तैनात किया गया था।
छापेमारी में मिले थे 50 अवैध कारतूस
17 अगस्त को चेरिया बरियारपुर थाना के श्रीपुर गांव में मंजू वर्मा के घर से छापेमारी में 50 अवैध कारतूस बरामद किया था। जिसके बाद चंद्रशेखर वर्मा और मंजू वर्मा के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। उसके बाद बेगूसराय और पटना हाई कोर्ट में दोनों ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की। लेकिन, कोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज कर दिया था।
आर्म्स एक्ट में चल रही थीं फरार
बता दें कि आर्म्स एक्ट मामले में मंजू वर्मा फरार चल रही थीं और पुलिस सरगर्मी से उनकी तलाश कर रही थी। उनकी तलाश अन्य राज्यों में भी की जा रही थी। वहीं इस मामले में उनकी संपत्ति की कुर्की-जब्ती की भी कार्रवाई चल रही थी। पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही थी। लेकिन, आज उन्होंने पुलिस को चकमा देते हुए कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है।
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