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Friday, October 19, 2018

Amritsar, Punjab Train Accident: 60 लोगों की मौत कई घायल

आर्या न्यूज़ लाइव
पंजाब न्यूज़ डेस्क
edited update: 20 Oct. 2018



कहते हैं कि मौत वक़्त और माहौल देख कर नहीं आता वो बस आता है और सन्नाटा फैला कर चला जाता है। ठीक ऐसा ही कुछ हुआ अमृतसर में माहौल तो दशहरा का था पर
पंजाब के अमृतसर में प्रशासनिक लापरवाही से बड़ा हादसा हो गया। दरअसल दशहरा के मौके पर पंजाब में अमृतसर के जौड़ा फाटक के पास के एक मैदान में रावण वध का आयोजन था। बहुत ही संख्या में लोग वहां मौजूद थे। लोग एक ओर उत्साहित होकर कार्यक्रम का लुफ्त उठा रहे थे। कुछ लोग मैदान के पास बने रेलवे ट्रैक के चढ़ गए। इसी बीच दो ट्रेने विपरीत दिशा में तरकीबन 100 के रफ़्तार से गुजरी। ट्रेन ने हॉर्न तो बजाया पर लोगो को पटाखों के शोर के आगे कुछ सुनाई नही दिया और एक बड़ा हादसा हो गया। हादसे के बाद लोगों में प्रशासन को लेकर काफी नाराजगी है। इस हादसे में अब तक 61 लोगों की मौत की खबर है। वहीं 70 से अधिक घायल हैं। खबरों के मुताबिक नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू घटना के वक्त मंच पर मौजूद थी। हादसे के बाद वह वहां से चली गई इसी को लेकर लोगो के बीच काफी आक्रोश है। हालांकि राहत एवं बचाव कार्य जारी है।

हुआ यूँ की हादसे के दौरान सभी लोग अमृतसर के जौड़ा फाटक  के पास स्थित एक मैदान में दशहरा का उत्सव देख रहे थे। उत्सव देखते-देखते ये सभी लोग रेलवे ट्रैक पर आ गए। तभी अमृतसर- दिल्ली रेलवे ट्रैक पर सौ से अधिक स्पीड में दो ट्रेने आ गई। हादसा अमृतसर के रेलवे फाटक नंबर 27c के पास हुआ। डीएमयू 74943 और हावड़ा एक्सप्रेस एक साथ विपरीत दिशा में गई और फिर ये बड़ा हादसा हो गया।

प्रशासन की पहली लापरवाही ये थी कि आयोजन के लिए कोई इजाजत नहीं दी गई थी। वहीं दूसरी सबसे बड़ी चूक मैदान में लगी एलईडी लाइटें को रेलवे ट्रैक की ओर लगा दिया गया था। जिस वजह से लोग रेल ट्रैक नहीं देख पाए। वहीं तीसरी सबसे बड़ी चूक पटाखों की आवाज को माना जा रहा।

घटनास्थल पर जमा भीड़

पटाखों का शोर इतना था कि लोगों को ट्रेन की आवाज नहीं सुनाई दी और ये बड़ा हादसा हो गया। हादसे के बाद रेलवे प्रशासन के तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। वहीं राहत एंव बचाव कार्य शुरु कर दिया गया। दशहरा का आयोजन करने वाली कमेटी की सबसे बड़ी लापरवाही है। कार्यक्रम में नवजोत कौर सिद्धू मुख्य अतिथि थीं।
हादसे पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दुख जताया है। उन्होंने कहा, अमृतसर में दुखद रेल दुर्घटना के बारे सुनकर चौंक गया हूं। दुख के इस घड़ी में सभी प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों को खुले रहने के लिए कहा गया है। जिला अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य शुरु करने का निर्देश दिया गया।

अमृतसर रेल हादसा के बाद कई सवाल उठ रहे है जो कुछ इस प्रकार है:

1- प्रशासन को रेलवे ट्रैक के पास इस तरह के आयोजन की अनुमति नहीं देनी चाहिए

2- रेलवे ट्रैक पर जाने वाली भीड़ को रोकने के लिए कोई पुलिस व्यवस्था नहीं थी

3- रेलगाड़ी को पास होने के लिए ग्रीन सिगनल था तब भी किसी की नजर नहीं गई

4- रेलवे के साथ स्थानीय प्रशासन का समन्वय नहीं था, जिसके कारण ट्रेन इतनी तेजी से गुजरी

5- घटना के बाद भी स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने देरी की

6- प्रत्यक्षदर्शी इकबाल सिंह के मुताबिक इससे पहले जो भी ट्रेनें निकली हार्न बजाती हुई धीरे-धीरे से निकली, लेकिन जो यह ट्रेन आई पूरी स्पीड में थी। जिससे लोगों को निकलने का मौका नहीं मिला। उनका कहना है यहां पर पिछले 40 साल से रावण दहन होता है। जो भी ट्रेनें निकलती हैं धीरे-धीरे निकलती हैं।

इस हादसे के बाद बाद रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. अमृतसर रेलवे हेल्पलाइन नंबर 0183-2223171, 0183-2564485 है.

दशहरे के मौके पर हुए रेल हादसे पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपए के मुवाअजे की घोषणा की है. घायलों की सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मुफ्त ईलाज की भी घोषणा की है.

पटना में 33 लोगों की मौत

साल 2014 में पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के दौरान भगदड़ मचने से 33 लोगों की मौत हो गई थी और 29 लोग घायल हो गए थे. यह दुर्घटना उस समय हुई थी जब लोग रावण दहन के बाद पटना के गांधी मैदान से वापस लौट रहे थे. पटना के गांधी मैदान में रावण दहन का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. मैदान में इस कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग आते हैं. गांधी मैदान से बाहर निकलती भीड़ में कुछ लोगों ने तेजी से चलने के लिए आवाजें निकालनी शुरू कीं, हो हल्ला शुरू किया.

इसके बाद एकदम से ऐसी स्थिति पैदा हुई कि लोगों में भगदड़ मच गई. चूंकि वहां लोगों की भीड़ बहुत ज्यादा थी तो एक बार जैसे ही भगदड़ शुरु हुई तो स्थितियां प्रशासन के हाथ से बाहर निकल गईं और इसका परिणाम 33 लोगों की मौत के रूप में सामने आया था.

इस हादसे के बाद बिहार में भी हड़कंप मच गया है दरअसल पंजाब में बिहार के कई सारे मजदूर काम करते है और ये घटना जहां हुई है वहां पर भी बिहार के कई मजदुर काम करते है। इसी को मद्देनजर रखते थे बिहार सरकार पंजाब सरकार से लगातार जानकारियां जुटाने में लगे हुए है।
इस हादसे के बाद बिहार में भी हड़कंप मच गया है दरअसल पंजाब में बिहार के कई सारे मजदूर काम करते है और ये घटना जहां हुई है वहां पर भी बिहार के कई मजदुर काम करते है। इसी को मद्देनजर रखते थे बिहार सरकार पंजाब सरकार से लगातार जानकारियां जुटाने में लगे हुए है।

उधर हादसे के बाद नवजोत कौर सिद्धू ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस मामले में राजनीती नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार हर संभव मदद के लिए तैयार है।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस हादसे के बाद गहरा शोक जताया है और उधर पंजाब सरकार ने इस हादसे के बाद सभी सरकारी कार्यालयों से ले कर स्कूल कॉलेज तक को एक दिन तक के ले लिए बंद कर दिया है।

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