Monday, July 19, 2021
Friday, July 09, 2021
नई दिल्ली: कोरोना का एक नया वैरिएंट यूपी में सामने आया है जिसने जानकारों,डॉक्टरों की नींद उड़ा दी है। अभी कुछ हफ्ते पहले कोरोना के डेल्टा वैरिएंट परेशानी का सब बना और अब कोरोना के नए वायरस कप्पा वैरिएंट ने दस्तक दे दी है। भारत में कोरोनावायरस के दूसरे लहर की बात करें तो इस लहर के पीछे डेल्टा वेरिएंट का कसूर बताया जा रहा है।
यूपी में मिला कप्पा वैरिएंट
देवरिया और गोरखपुर में डेल्टा प्लस स्ट्रेन के दो मामले पाए जाने के बाद अब संत कबीर नगर में एक मरीज कोविड-19 के कप्पा स्ट्रेन से पॉजिटिव पाया गया है। 66 वर्षीय मरीज की मौत हो गई है। जीनोम अनुक्रमण अभ्यास के दौरान स्ट्रेन का पता चला था।
उनका नमूना 13 जून को नियमित रूप से इक्ठ्ठा किया गया था और सीएसआईआर के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी, नई दिल्ली को भेजा गया था, जिसने नमूने में कप्पा स्ट्रेन की पुष्टि की है। डेल्टा प्लस की तरह, कप्पा को भी चिंता का एक रूप घोषित किया गया है। इस सप्ताह उत्तर प्रदेश में पहली बार डेल्टा प्लस स्ट्रेन के दो मामले दर्ज किए गए।
नए वैरिएंट से डॉक्टर चिंतित
हाल ही में उत्तर प्रदेश राज्य में कोरोनावायरस का नया वेरिएंट कप्पा वेरिएंट का पहला केस सामने आया है जिसकी वजह से विशेषज्ञों और डॉक्टरों की चिंता बढ़ गई है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह वेरिएंट घातक साबित हो सकता है।
क्या है कप्पा वेरिएंट? Kappa variant kya hain
जानकारों के मुताबिक कप्पा वेरिएंट पैंगो वंश से नाता रखता है। इस वंश को 1.617 के नाम से जाना जाता है और इसके तीन उप-वर्गों में से एक कप्पा वेरिएंट है। कप्पा वेरिएंट को B.1.617.1 का नाम दिया गया है जो पहली बार भारत में दिसंबर 2020 में पाया गया था। जानकारों का मानना है कि E484Q और E484K वेरिएंट्स की वजह से कप्पा वेरिएंट का रूप सामने आया है। कहा जा रहा है कि इस म्यूटेशन में L452R म्यूटेशन का भी हाथ है जिसकी वजह से हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है।
कैसे पड़ा कप्पा वैरिएंट का नाम
कुछ समय पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह ऐलान किया था कि अब से कोविड-19 के नए स्ट्रेन का नाम ग्रीक अल्फाबेटिकल लेबल्स के नाम से जाना जाएगा। इसी कड़ी में जिन स्ट्रेन का मूल भारत है उनका नाम डेल्टा और कप्पा रखा जाएगा और कप्पा वेरिएंट सबसे पहले भारत में दिसंबर 2020 में पाया गया था इसीलिए इसका नाम कप्पा रखा गया है। दूसरी तरफ ब्रिटेन के मूल वाले स्ट्रेन का नाम अल्फा रखा जाएगा।
क्या हैं कप्पा वेरिएंट के लक्षण?
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोनावायरस के कप्पा वेरिएंट से पीड़ित लोगों में खांसी, बुखार, गले में खराश जैसे प्राइमरी लक्षण दिखाई दे सकते हैं। वहीं, माइल्ड और गंभीर लक्षण कोरोनावायरस के अन्य म्यूटेंट्स के लक्षण की ही तरह होंगे। इस वैरिएंट को लेकर अभी शोध हो रहे हैं लिहाजा अभी इससे जुड़ी कई जानकारी सामने आ सकती है।
कैसे बचा जाए इस वेरिएंट से?
जानकारों का मानना है कि कप्पा वेरिएंट से लेकर डेल्टा वेरिएंट तक, किसी भी वेरिएंट से बचने के लिए मास्क का उपयोग सबसे जरूरी है। इसके साथ जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें और पब्लिक प्लेस में लोगों से दूरी बनाए रखें। समय-समय पर हाथ धोते रहें और अपनी इम्यूनिटी को लेकर विशेष ध्यान दें। अगर आपको कोरोनावायरस के लक्ष्ण दिखाई दे रहे हैं तो बिना देर किए खुद को क्वांरटाइन कर लें और अपने डॉक्टर की सलाह लें। टेस्ट के बाद अगर कोरोना पॉजिटिव होते हैं तो डॉक्टर के मुताबिक आपको इलाज शुरू कर देना चाहिए।
Input: Times Now News हिंदी
Saturday, June 26, 2021
भारत मे कोरोना के तीसरी लहर आने से पहले ही बच्चो के टीके उपलब्ध होंगे। भारतीय दवा कंपनी जायडस कैडिला की ओर से विकसित नया कोरोना टीका जल्द ही देश में 12-18 साल तक की उम्र के बच्चों के लिए उपलब्ध होगा। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल करते हुए कहा कि जल्द ही सरकार 18 से कम उम्र के बच्चे यानी 12 से 18 साल तक के बच्चो के लिए वैक्सिनेशन अभियान शुरू करेगी जिसके लिए वो जल्द ही वैक्सीन लाएगी। बता दें कि देश में अभी तक कोरोना वैक्सीन के लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष है। देश में 32 करोड़ से अधिक डोज लगाए जा चुके हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूछे गए सवालों के जवाब में केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि साल के अंत तक देश में सभी व्यस्कों को कोरोना का टीका लगा दिया जाएगा। सरकार ने कहा है कि 18 साल से अधिक उम्र के 93-94 करोड़ लोगों के लिए 186.6 करोड़ डोज की आवश्यकता होगी।
सरकार ने कहा है कि लोग सीधे टीकाकरण केंद्रों पर जाकर वैक्सीन लगवा सकते हैं, वैक्सीन के लिए डिजिटल पहुंच बाधा नहीं है।
सोमवार से लागू नई नीति के तहत 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को मुफ्त वैक्सीन दी जाएगी। पारदर्शिता के लिए हर दिन टीकाकरण के आंकड़ों को सार्वजनिक किया जा रहा है।
सरकार ने कहा है कि निजी टीकाकरण केंद्रों पर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को भी टीका मिल सके, इसके लिए वाउचर वाली एक योजना की शुरुआत की गई है। इसके तहत NGO वाउचर खरीद सकते हैं और जरूरतमंद लोगों में इसका वितरण कर सकते हैं।
Sunday, June 20, 2021
देश विदेशों के व्यापार पर कोरोना का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। भारी गिरावट के दबाव में पिछले सप्ताह घरेलू स्तर पर भी सोना 4.40 प्रतिशत और चांदी 6.43 प्रतिशत की गिरावट में रही। एमसीएक्स वायदा बाजार में सोने की कीमत सप्ताह के दौरान 2,152 रुपए यानी 4.40 प्रतिशत उतरकर सप्ताहांत पर 46,728 रुपए प्रति दस ग्राम रह गया। सोना मिनी भी 2,125 रुपए यानी 4.36 प्रतिशत की साप्ताहिक गिरावट के साथ अंतिम कारोबारी दिवस पर 46,592 रुपए प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ।
अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के मौद्रिक नीति संबंधी बयान के बाद दोनों कीमती धातुओं पर दबाव रहा।
फेड ने बुधवार को जारी अपने बयान में संभावना व्यक्त की है कि वर्ष 2023 तक नीतिगत ब्याज दरों में 0.6 प्रतिशत तक की वृद्धि की संभावना है। वैश्विक स्तर पर बीते सप्ताह सोना हाजिर 104.25 डॉलर (5.55 प्रतिशत) लुढ़ककर 1,772.80 डॉलर प्रति औंस रह गया। यह एक साल की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है।
अगस्त का अमेरिकी सोना वायदा भी 115.60 डॉलर (6.15 प्रतिशत) टूटकर शुक्रवार को 1,763.90 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। घरेलू स्तर पर चांदी समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान 4,647 रुपए कमजोर हुई और सप्ताहांत पर 67,580 रुपए प्रति किलोग्राम बिकी। चांदी मिनी की कीमत 4,425 रुपए की गिरावट के साथ 67,820 रुपए प्रति किलोग्राम रही। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी हाजिर 2.07 डॉलर (7.41 प्रतिशत) की साप्ताहिक नरमी के साथ 25.86 डॉलर प्रति औंस पर रही।
Sunday, April 18, 2021
Monday, April 05, 2021
बिहार में कोरोना के नए मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। राजधानी पटना में सर्वाधिक 1881 मामले सामने आए हैं। ताज़ा मामला पटना स्थित आईआईटी से आया है। जहां 15 छात्र कोरोना संक्रमित पाए गए है। आईआईटी पटना के कुलसचिव डॉ. विश्वा रंजन ने बताया कि संक्रमित छात्रों को क्वारंटाइन किया गया है। चिकित्सकों की टीम इन छात्रों के स्वास्थ्य पर पल-पल निगरानी रख रही है। चिंता जैसी कोई बात नहीं है। इन छात्रों में कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं लेकिन जांच के क्रम में इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
तीन छात्रों के संक्रमित होने के बाद अन्य छात्रों की जांच हुई
बता दें कि संस्थान में लंबे समय से ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जा रही है। कुछ हफ्ते पहले बीटेक व एमटेक के अंतिम वर्ष के छात्रों को उनकी जरूरतों के लिहाज से संस्थान की ओर से ऐच्छिक बुलावा भेजा गया था। दो दिन पहले तीन छात्रों की रैंडम जांच के दौरान कोराना संक्रमित होने के मामला सामने आया था। इसके बाद बाकी 41 सदस्यों की जांच की गई, जिसमें 12 छात्र संक्रमित पाए गए।
संस्थान में एक साथ इतने सारे छात्रों के संक्रमित पाये जाने के बाद परिसर में कोरोना को लेकर थोड़ा भय का माहौल बन गया है इसके बाद से संस्थान में सतर्कता बढ़ा दी गई है। संस्थान की ओर से यह पता लगाया जा रहा है कि छात्रों में संक्रमण का प्रसार आखिर कहां से हुआ।